मनोरंजक कथाएँ >> नटखट चाची नटखट चाचीअमृतलाल नागर
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प्रस्तुत है बालपयोगी कहानियाँ...
दिन-भर चोर-चोर कह कर मुझे डराती रहीं, रात में भी डराया, और उसके बाद चचा को ही चोर समझकर चोट पहुँचाई। मगर मार मैंने ही खाई। चाची ने भी मारा और चाचा ने भी।
बच्चों, तुमसे क्या कहूँ, उस दिन मैंने इतनी मार खाई होगी कि यदि मेरी माँ होती, तो बदन-भर में हल्दी-चूने का लेप लगाकर मुझे आराम पहुँचाने की कोशिश करती।
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